सूखी खांसी के इलाज के लिए आयुर्वेदिक टिप्स

Ayurvedic tips to treat dry cough

सूखी खांसी आजकल एक बहुत ही आम बीमारी है, खासकर शहरों में। पर्यावरण में मौजूद एलर्जी या प्रदूषक आपके गले की नली, फेफड़े या वायुमार्ग में प्रवेश करते हैं और आपके शरीर को उन्हें खांसने के लिए प्रेरित करते हैं! यह निरंतर क्रिया (प्राकृतिक प्रतिवर्त) श्वसन पथ और गले में सूजन का कारण बनती है। सूखी खांसी बहुत लंबे समय तक रह सकती है, यहां तक ​​कि पुरानी भी हो सकती है।

लक्षण

इस रोग से पीड़ित व्यक्ति में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं:

  1. बार-बार सूखी खांसी
  2. कफ/थूक उत्पादन
  3. छाती में जलन या घुटन महसूस होना
  4. बुखार
  5. हृदय, कनपटियों, सिर, पेट, बगलों में दर्द
  6. चिड़चिड़ापन
  7. मुंह में सूखापन, अत्यधिक प्यास, कड़वा स्वाद
  8. गले में खराश, आवाज में भारीपन
  9. भोजन निगलने में कठिनाई
  10. थकान, कमजोरी
  11. खाना खाने के बाद मतली आना।
कारण

सूखी खांसी के मुख्य कारण श्वसन तंत्र में संक्रमण, साइनसाइटिस, निमोनिया, उल्टी का रुकना और जलन/एलर्जी के कारण सूजन हैं। आखिरी कारण सबसे आम है!

जब सूखी खांसी उच्च प्रदूषण, धूल, एलर्जी और जहरीले धुएं (जैसे सिगरेट) के लंबे समय तक संपर्क में रहने से होती है, तो इसे आयुर्वेद में 'वातज कास' के नाम से जाना जाता है।

इस रोग से बचने के लिए आपके श्वसन तंत्र में मजबूत प्रतिरक्षा क्षमता होनी चाहिए, लेकिन खराब पोषण, अनियमित जीवनशैली और बढ़ती पर्यावरणीय विषाक्तता के कारण आपके शरीर के लिए इससे लड़ना कठिन हो जाता है।

आयुर्वेदिक सूखी खांसी का इलाज कैसे करता है?

प्राण वायु और उदान वायु (वात के प्रकार) श्वसन तंत्र को नियंत्रित करते हैं। जब एलर्जी, वायरस और बैक्टीरिया उन्हें दूषित करते हैं, तो जलन होती है। एक प्रतिकार के रूप में, शरीर अवरोध को दूर करने के लिए बलपूर्वक वायु को बाहर निकालता है। इस प्रक्रिया के दौरान, शरीर में वात (जैविक वायु) संतुलन बिगड़ जाता है और "वातज कस" का कारण बनता है।

सूखी खांसी के लिए आयुर्वेदिक घरेलू उपचार

यदि आप सूखी खांसी से पीड़ित हैं, तो इन प्रभावी आयुर्वेदिक घरेलू उपचारों को आजमाएं:

  • सोने से पहले गर्म दूध में हल्दी और शहद मिलाकर पिएं। यह प्राकृतिक एंटीबायोटिक के रूप में काम करता है।
  • हल्दी पाउडर को शहद के साथ मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करें।
  • सूजन को कम करने के लिए मुलेठी की गोलियां।
  • कॉफी या चाय बनाने के लिए आधार जल के रूप में सौफ (अनी के बीज) के काढ़े का उपयोग करें।
  • अदरक और शहद को मिलाकर बनाए गए प्राकृतिक कफ सिरप से अपने संक्रमित गले की नली को आराम दें। अदरक के एक टुकड़े (छिलके सहित) को पानी में उबालें। छानकर उसमें 1 चम्मच शहद मिलाएं और सेवन करें। आप अदरक के छोटे-छोटे टुकड़ों को पानी में डालकर चबा भी सकते हैं क्योंकि इसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं।
  • गले की जलन से राहत के लिए गर्म पानी या चाय में एक चुटकी दालचीनी पाउडर मिलाएं
  • तुलसी के पत्ते, अदरक और शहद से बनी चाय पिएं
  • तेजी से ठीक होने के लिए आप दिन भर तुलसी के पत्ते चबा सकते हैं

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